कब्रिस्तान में
सबसे छोटी कब्र
एक बौने की थी
और उसकी आत्मा भी
सबसे छोटी थी
क्योकि उसके जीवन में
उसे जो भी कुछ मिला
बस छोटा ही मिला ।
जैसे --पहनने के लिये सबसे
छोटे कपड़े
और सोने के लिए
सबसे छोटी चारपाई,
उसकी आत्मा पर
लोगों की हँसी की
एक बदबूदार दाग थी
जो जख्म से भी ज्यादा
कहीं गहरी थी
उसके लिए जीना और मरना
दोनों एक ही घटना थी
क्योकि एक बौना
गरीब आदमी से भी कहीं ज्यादा छोटा होता हैं।
लेकिन! कुछ मामलों में
वह बहुत ही धनी भी होता हैं
बौना,कभी भी सांप्रदायिक नहीं होता हैं
न ही कभी बलात्कार करता हैं
और न ही नेता बनने की फिराक में रहता हैं
लेकिन बौने की आत्मा को सबसे अधिक दुःख
इस बात का हैं कि लोग मरने के बाद भी
उसे बौना ही कहते हैं ॥
नीतीश मिश्र
सबसे छोटी कब्र
एक बौने की थी
और उसकी आत्मा भी
सबसे छोटी थी
क्योकि उसके जीवन में
उसे जो भी कुछ मिला
बस छोटा ही मिला ।
जैसे --पहनने के लिये सबसे
छोटे कपड़े
और सोने के लिए
सबसे छोटी चारपाई,
उसकी आत्मा पर
लोगों की हँसी की
एक बदबूदार दाग थी
जो जख्म से भी ज्यादा
कहीं गहरी थी
उसके लिए जीना और मरना
दोनों एक ही घटना थी
क्योकि एक बौना
गरीब आदमी से भी कहीं ज्यादा छोटा होता हैं।
लेकिन! कुछ मामलों में
वह बहुत ही धनी भी होता हैं
बौना,कभी भी सांप्रदायिक नहीं होता हैं
न ही कभी बलात्कार करता हैं
और न ही नेता बनने की फिराक में रहता हैं
लेकिन बौने की आत्मा को सबसे अधिक दुःख
इस बात का हैं कि लोग मरने के बाद भी
उसे बौना ही कहते हैं ॥
नीतीश मिश्र
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