Wednesday 20 March 2013

मेरें गाँव में मेरा घर था

मेरें गाँव में मेरा घर था

वहां पर मेरे भाई --बहन थे,

माँ-बाबूजी वहां ....

एक फरिस्ते की तरह

दिन -रात ग़ज़ल गाते थे |

घर में एक सुग्गा था

जो मेरा सबसे प्यारा दोस्त था

और जो पेड़ थे

वो कुछ हमजुबां जैसे हो गए थे

और जो गलिया थी

वहां हम सबसे छुपाकर

अपनी जिंदगानी की

की कहानी लिखते थे ||

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