कब्रिस्तान में आत्माएं
भीख नहीं माँगती हैं
और न ही किसी
पीर -फकीर को पूजती हैं।
क्योकि आत्माएं
जानती हैं
सारी बुराइयाँ
संचित धन से ही आती हैं,
कब्रिस्तान में
लोकतंत्र की जड़े
बहुत मजबूत होती हैं
इसीलिए
आत्माओं का" मैं"
वहाँ मर जाता हैं
और कब्रिस्तान में
कोई बड़ा या छोटा नहीं होता हैं । । '
भीख नहीं माँगती हैं
और न ही किसी
पीर -फकीर को पूजती हैं।
क्योकि आत्माएं
जानती हैं
सारी बुराइयाँ
संचित धन से ही आती हैं,
कब्रिस्तान में
लोकतंत्र की जड़े
बहुत मजबूत होती हैं
इसीलिए
आत्माओं का" मैं"
वहाँ मर जाता हैं
और कब्रिस्तान में
कोई बड़ा या छोटा नहीं होता हैं । । '
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