Wednesday 20 March 2013

पागल की भी अपनी दुनिया होती हैं

पागल की भी अपनी दुनिया होती हैं
और एक विचारधारा भी होती हैं,
सड़क हो या पगडंडी पर .....
हमेशा बांये चलने की आदत होती हैं।
पागल अपनी कुशलता के बारे में कभी नहीं सोचता
उसके पास अपने लिए सोचने का समय नहीं होता,
और रात भर जागते हुए रोशनी से
लड़ने की तरकीब खोजता रहता हैं
वह कभी -कभी रोता भी हैं,यह सोचकर कि
इस दुनियां में इतने समझोतावादी लोग क्यों हैं ?
वह:दुनियां से कुछ नहीं मांगता .....
मांगने की आदत तो कमजोरों में होती हैं
पागल तो सिर्फ, लोगों को देता भर हैं
कभी किसी के चहरे पर हँसी,
कभी किसी को कोई नयी सूचना ।[नीतीश मिश्र ]

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