मेरी माँ के हाथों में
कुछ ऐसा हूनर था कि
वह ख़राब से ख़राब चीज़ को भी
बहुत ही सुन्दर बना देती थी ,
जीतनी सुन्दर मेरी कल्पना होती थी
उससे भी कहीं ज्यादा खुबसूरत
मेरी माँ की बुद्धि थी |
जबकि वह बहुत ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी
अगर कोई उससे डिग्री के बारे में
नहीं पूछता तो
वह कभी नहीं समझ सकता था की
माँ कभी स्कुल नहीं गयी हैं ||
जब मैं खुद से खेलते -खेलते थक जाता था
और मेरे देखें हुए सपने जब पुरे नहीं होते थे
उस कठिन समय की .....
सबसे अच्छी दोस्त माँ थी
मैं यह सोचकर खुश हो जाता था की
अब तो मेरी सारी परेशानियाँ
माँ चुटकी बजाकर हल कर देगी
और सपनों को पूरा करने का ढेर सारा
व्याकरण बता देगी
माँ अनुभव की एक प्रतिमा थी
जीतनी खुबसूरत वो थी
उतना ही खुबसूरत उसका अनुभव था
ऐसे में वह
धीरे से मुझे अपनी गोदी में खींचकर
मेरे पाकेट में कुछ पैसा रख देती
और मेरें गंदें नाख़ून को काटती,
बालों में तेल लगाती,
बाबूजी की कई सारी बात बताती ,
और मुझे किसी प्रिय सामान का लालच देकर
मुझसे वचन लेती -----
[की तुम एक दिन मेरा सबसे अच्छा बेटा बनेगा ]
मैं उसकी तरफ देखकर
धीरे से सर हिला देता ,
वह मेरें फटे हुए कपड़ों की तुरपाई करके
मेरी फटी हुई आत्मा को नई कर देती
मेरी माँ मेरे लिए एक रोशनी हैं
आज जब मैं कभी खुद को टटोलता हूँ
तो हर जगह मैं अपनी माँ को ही पाता हूँ
आज भी यह लगता हैं की
मेरी मुस्कुराहटों को माँ ही दिन रात सजाती हैं ||
कुछ ऐसा हूनर था कि
वह ख़राब से ख़राब चीज़ को भी
बहुत ही सुन्दर बना देती थी ,
जीतनी सुन्दर मेरी कल्पना होती थी
उससे भी कहीं ज्यादा खुबसूरत
मेरी माँ की बुद्धि थी |
जबकि वह बहुत ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी
अगर कोई उससे डिग्री के बारे में
नहीं पूछता तो
वह कभी नहीं समझ सकता था की
माँ कभी स्कुल नहीं गयी हैं ||
जब मैं खुद से खेलते -खेलते थक जाता था
और मेरे देखें हुए सपने जब पुरे नहीं होते थे
उस कठिन समय की .....
सबसे अच्छी दोस्त माँ थी
मैं यह सोचकर खुश हो जाता था की
अब तो मेरी सारी परेशानियाँ
माँ चुटकी बजाकर हल कर देगी
और सपनों को पूरा करने का ढेर सारा
व्याकरण बता देगी
माँ अनुभव की एक प्रतिमा थी
जीतनी खुबसूरत वो थी
उतना ही खुबसूरत उसका अनुभव था
ऐसे में वह
धीरे से मुझे अपनी गोदी में खींचकर
मेरे पाकेट में कुछ पैसा रख देती
और मेरें गंदें नाख़ून को काटती,
बालों में तेल लगाती,
बाबूजी की कई सारी बात बताती ,
और मुझे किसी प्रिय सामान का लालच देकर
मुझसे वचन लेती -----
[की तुम एक दिन मेरा सबसे अच्छा बेटा बनेगा ]
मैं उसकी तरफ देखकर
धीरे से सर हिला देता ,
वह मेरें फटे हुए कपड़ों की तुरपाई करके
मेरी फटी हुई आत्मा को नई कर देती
मेरी माँ मेरे लिए एक रोशनी हैं
आज जब मैं कभी खुद को टटोलता हूँ
तो हर जगह मैं अपनी माँ को ही पाता हूँ
आज भी यह लगता हैं की
मेरी मुस्कुराहटों को माँ ही दिन रात सजाती हैं ||
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