समय के दुष्चर्क में दिल्ली हो या उज्जैन
सुबह- शाम होती रहती है प्रार्थनाएं
कभी यह प्रार्थनाएं संविधान की हत्या के लिए कभी
नजीर, कबीर/ मोहित- मोहन जैसे लोगोंं को मारने के लिए
सभ्यता की पहली सीढ़ी से लेकर आखिरी सीढ़ी तक आदमी
बिस्तर से लेकर संसद तक करता रहता प्रार्थनाएं
आदमी की सुबह से लेकर रात तक की प्रार्थनाओं में सिर्फ सुविधा के मंत्र की आवाज आती है
यहां तक कि दुनिया का सबसे बड़ा उस्ताद अस्पताल में भी सुविधा के मौत को ही मांगता है
लेकिन दुनिया की परिधि में सबसे अच्छा प्रार्थना कोई करता है
तो वह है सुअर!!
सुअर अपनी प्रार्थना में जगल में भी पानी मांगता है और पानी में भी जंगल
सुअर अपनी प्रार्थना में कभी अपने हाथ को साफ करने की सुविधा नहीं मांगती है
इसलिए गौर से देखे तो धरती पर सबसे खूबसूरत अगर कोई है तो वह है सुअर
सुअर दिल्ली से लेकर दौलताबाद तक एक आवाज में बात करती है
जबकि आदमी दिल्ली से लेकर बनारस के बीच अपनी आवाज और शक्ल भी बदल लेता है
सुअर कभी किसी देवालय में नहीं
सुअर तुमकों देखकर प्रार्थनांए करती है ।।
सुबह- शाम होती रहती है प्रार्थनाएं
कभी यह प्रार्थनाएं संविधान की हत्या के लिए कभी
नजीर, कबीर/ मोहित- मोहन जैसे लोगोंं को मारने के लिए
सभ्यता की पहली सीढ़ी से लेकर आखिरी सीढ़ी तक आदमी
बिस्तर से लेकर संसद तक करता रहता प्रार्थनाएं
आदमी की सुबह से लेकर रात तक की प्रार्थनाओं में सिर्फ सुविधा के मंत्र की आवाज आती है
यहां तक कि दुनिया का सबसे बड़ा उस्ताद अस्पताल में भी सुविधा के मौत को ही मांगता है
लेकिन दुनिया की परिधि में सबसे अच्छा प्रार्थना कोई करता है
तो वह है सुअर!!
सुअर अपनी प्रार्थना में जगल में भी पानी मांगता है और पानी में भी जंगल
सुअर अपनी प्रार्थना में कभी अपने हाथ को साफ करने की सुविधा नहीं मांगती है
इसलिए गौर से देखे तो धरती पर सबसे खूबसूरत अगर कोई है तो वह है सुअर
सुअर दिल्ली से लेकर दौलताबाद तक एक आवाज में बात करती है
जबकि आदमी दिल्ली से लेकर बनारस के बीच अपनी आवाज और शक्ल भी बदल लेता है
सुअर कभी किसी देवालय में नहीं
सुअर तुमकों देखकर प्रार्थनांए करती है ।।