मरने के बाद भी
स्त्रियाँ मुक्त नहीं होती
पुरुष पैदा होते ही
मुक्त घोषित कर दिया जाता हैं,
मरने के बाद भी
पुरुष,भूत /प्रेत के रूप में
व्यवस्था के पीछे
अपनी समानांतर सरकार चलाता हैं
कब्रिस्तान,में दफनाई गयी स्त्रियाँ खुश नहीं हैं।
पुरुष मुर्दे वहाँ भी
औरतों को गालियाँ देते हैं
फब्तियां कसते हैं
और बलात्कार भी करते हैं,
क्योकि कब्रिस्तान में उन्हें नगें रखा जाता हैं
धरती पर, स्त्रियाँ कभी --कभी प्रेम कर लेती हैं
लेकिन यहाँ बस शिकार बनी रहती हैं
कब्रिस्तान में स्त्री के लिए कोई संविधान नहीं हैं
क्योकि ऊपर जो खुदा हैं
वह भी एक पुरुष ही हैं
ऐसे में स्त्रियाँ!
छोड़ देंगी ये दुनियाँ
और बनायेंगी
अपनी एक
अलग दुनियाँ
जहाँ आसमान के नीचे
वे एक बार प्यार कर सकें
और लिख सकें एक कविता
स्त्रियाँ अब धरती पर नहीं रहेंगी
बनायेंगी अपने लिए एक अलग दुनियाँ ॥॥
स्त्रियाँ मुक्त नहीं होती
पुरुष पैदा होते ही
मुक्त घोषित कर दिया जाता हैं,
मरने के बाद भी
पुरुष,भूत /प्रेत के रूप में
व्यवस्था के पीछे
अपनी समानांतर सरकार चलाता हैं
कब्रिस्तान,में दफनाई गयी स्त्रियाँ खुश नहीं हैं।
पुरुष मुर्दे वहाँ भी
औरतों को गालियाँ देते हैं
फब्तियां कसते हैं
और बलात्कार भी करते हैं,
क्योकि कब्रिस्तान में उन्हें नगें रखा जाता हैं
धरती पर, स्त्रियाँ कभी --कभी प्रेम कर लेती हैं
लेकिन यहाँ बस शिकार बनी रहती हैं
कब्रिस्तान में स्त्री के लिए कोई संविधान नहीं हैं
क्योकि ऊपर जो खुदा हैं
वह भी एक पुरुष ही हैं
ऐसे में स्त्रियाँ!
छोड़ देंगी ये दुनियाँ
और बनायेंगी
अपनी एक
अलग दुनियाँ
जहाँ आसमान के नीचे
वे एक बार प्यार कर सकें
और लिख सकें एक कविता
स्त्रियाँ अब धरती पर नहीं रहेंगी
बनायेंगी अपने लिए एक अलग दुनियाँ ॥॥
No comments:
Post a Comment