मैंने,कहा की
सफर में तुम भी
साथ रहों ......
वे कदमों कि
वफ़ादारी तोड़कर
मेरी आँखों में
यादों के नाँव चलाने
के लिए जिद्द कर बैठे हैं ...............
....................... नीतीश मिश्र .......
सफर में तुम भी
साथ रहों ......
वे कदमों कि
वफ़ादारी तोड़कर
मेरी आँखों में
यादों के नाँव चलाने
के लिए जिद्द कर बैठे हैं ...............
....................... नीतीश मिश्र .......
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