Saturday 16 March 2013

औरत उब चुकी हैं

औरत उब चुकी हैं
पुरुष के भूगोल से
एक दिन विस्फोट होगा
उसके सीने से .......
क्योकि धरती के सारे सच को
और सारे दुःख को
अपने अन्दर समेट कर
इतिहास को बचायी हुई हैं .........

नीतीश मिश्र 

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