Saturday 16 March 2013

सपना

मैं एक मिनट के लिए भी सपनों को 

देखना बंद नहीं कर सकता 

क्योकि एक सपना मेरे लिए 

मेरे हाथ --पांव से भी बड़ा हैं |

हाथ -पांव तो टूटकर अलग हो जाते हैं 

लेकिन सपने कभी नहीं टूटते

वे एक जगह अपनी श्रंखला बनाकर

आपके रंग में उतरने के लिए तैयार रहते हैं ,

आँखों की रोशनी से

हम एक मिल चल सकते हैं

लेकिन एक सपने की रोशनी से

कई पीढियां अपना इतिहास बना सकती हैं ||

सपनों से मेरा रिश्ता ठीक वैसे ही

जैसे --एक बच्चे का रिश्ता अपनी माँ से होता हैं

कोई सपना निजी नहीं होता हैं

जो निजी होता हैं वह आदमी की एक जरूरत होती हैं

मैं सपने हमेशा देखता हूँ

क्योकि एक सपना मेरे लिए ----

विवेक हैं,

रहीम हैं,

धनिया हैं,

No comments:

Post a Comment