Wednesday 20 March 2013

जब आँगन में उतेरेगा आकाश

एक दिन
जब आँगन में उतेरेगा आकाश
और तुम चुनौगी
हांड़ी भर चावल का दाना,
और थोड़ा सा दिया भर तेल
और थोड़ी सी आग
एक दिन जब आकाश उतेरेगा आँगन में
तुम उसमे से कुछ हिस्सा निकालकर
जुट जावोगी बनाने में
कड़ाई/थाली
आकाश के कुछ हिस्सों से बनावोगी
बच्चो की खातिर कवितायेँ
थोड़ा सा पतंग के लिए कागज
और थोड़ा सा सिंदूर लेकर रंगोगी
अपना यथार्थ
जब आकाश उठेगा आँगन में
बच्चे बहुत खुश हो जायेंगे
क्योकि मैं आज तक नहीं खरीद सका
बाज़ार
से उनके लिए चंदा मामा
से उनके

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