मैं तुमको ऐसा प्रेमपत्र लिखना चाहता हूँ
जिसे कबूतर लेकर सरहदों के पार उड़ सके
आसमान उसमे कुछ रंग भर सके
देवता प्रेमपत्र का वाचन कर सके
गरूण देखे तो कुछ देर तक बंद कर दे
अपनी उड़ान .....
इंद्र देखे तो उसे भोग से घृणा हो जाए
वृहस्पति देखे तो टूट जाए उसका अंहकार
मेनका देखे तो प्रायश्चित करने लगे......
गणेश देखे तो
मनुष्य होने के लिए
प्रार्थना में डूब जाए .....
मैं तुमको धरती से ऐसा प्रेमपत्र लिखना चाहता हूँ
जिसे ऋषियों को यह कहना पड़े की
मुक्ति से ज्यादा कहीं पवित्र प्रेमपत्र लिखना हैं
सुनो ब्रह्मा !
मैं प्रेमपत्र में अपना प्यार भी लिखूंगा
अपनी गरीबी भी लिखूंगा
अपने खेत की हरियाली भी लिखूंगा
अगर कुछ नहीं लिखूंगा तो केवल धर्म
जब मेरा प्रेमपत्र लक्ष्य तक पहुंचेगा
तब समझ लेना धरती पर मनुष्य हारता नहीं हैं
लेकिन मैं जानता हूँ
तुममे से हर कोई
रोकेगा कबूतर को ......
जब कबूतर प्रेमपत्र देकर वापस लौट रहा होगा
तब तुम लोग उसकी हत्या की नीति बना रहे होंगे
जिससे यह कबूतर दुबारा धरती से कोई अन्य प्रेमपत्र लेकर उड़ न सके
लेकिन मैंने सभी कबूतरों को दे दिया हूँ
अपना एक एक प्रेमपत्र ......
क्या ऐसे में तुम लोग आसमान में सारे कबूतरों को मार दोगे ?
बोलो देवताओं। .....
जिसे कबूतर लेकर सरहदों के पार उड़ सके
आसमान उसमे कुछ रंग भर सके
देवता प्रेमपत्र का वाचन कर सके
गरूण देखे तो कुछ देर तक बंद कर दे
अपनी उड़ान .....
इंद्र देखे तो उसे भोग से घृणा हो जाए
वृहस्पति देखे तो टूट जाए उसका अंहकार
मेनका देखे तो प्रायश्चित करने लगे......
गणेश देखे तो
मनुष्य होने के लिए
प्रार्थना में डूब जाए .....
मैं तुमको धरती से ऐसा प्रेमपत्र लिखना चाहता हूँ
जिसे ऋषियों को यह कहना पड़े की
मुक्ति से ज्यादा कहीं पवित्र प्रेमपत्र लिखना हैं
सुनो ब्रह्मा !
मैं प्रेमपत्र में अपना प्यार भी लिखूंगा
अपनी गरीबी भी लिखूंगा
अपने खेत की हरियाली भी लिखूंगा
अगर कुछ नहीं लिखूंगा तो केवल धर्म
जब मेरा प्रेमपत्र लक्ष्य तक पहुंचेगा
तब समझ लेना धरती पर मनुष्य हारता नहीं हैं
लेकिन मैं जानता हूँ
तुममे से हर कोई
रोकेगा कबूतर को ......
जब कबूतर प्रेमपत्र देकर वापस लौट रहा होगा
तब तुम लोग उसकी हत्या की नीति बना रहे होंगे
जिससे यह कबूतर दुबारा धरती से कोई अन्य प्रेमपत्र लेकर उड़ न सके
लेकिन मैंने सभी कबूतरों को दे दिया हूँ
अपना एक एक प्रेमपत्र ......
क्या ऐसे में तुम लोग आसमान में सारे कबूतरों को मार दोगे ?
बोलो देवताओं। .....