गौर से देखो !
जरूरी नहीं हैं कि
हर मरा हुआ आदमी मरा ही हो
कई बार मरे हुए आदमी के पास
जिन्दा सपने भी पाए जाते हैं
इसलिए मैं मरे हुए हरेक आदमी को बहुत गौर से देखता हूँ
और पहचानने की कोशिश करता हूँ
उसके सपनो का रंग
क्योकिं सपनो के रंग में छुपा रहता हैं
देश का इतिहास ।
गौर से देखो जरूरी नहीं हैं कि सभी आदमी मरते ही हो
कई बार मरे हुए आदमी की आँखे बची रहती हैं
जहाँ से हमें मिल सकता हैं
कल के लिए कोई बेहतर रास्ता ॥
नीतीश मिश्र
जरूरी नहीं हैं कि
हर मरा हुआ आदमी मरा ही हो
कई बार मरे हुए आदमी के पास
जिन्दा सपने भी पाए जाते हैं
इसलिए मैं मरे हुए हरेक आदमी को बहुत गौर से देखता हूँ
और पहचानने की कोशिश करता हूँ
उसके सपनो का रंग
क्योकिं सपनो के रंग में छुपा रहता हैं
देश का इतिहास ।
गौर से देखो जरूरी नहीं हैं कि सभी आदमी मरते ही हो
कई बार मरे हुए आदमी की आँखे बची रहती हैं
जहाँ से हमें मिल सकता हैं
कल के लिए कोई बेहतर रास्ता ॥
नीतीश मिश्र
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