Thursday, 21 March 2013

साँसे


आज समंदर 
भी कुछ उदास हैं 
और थोड़ा बहुत 
आसमान भी 
क्योकि 
आज तुम नहीं आयी 
मेरी मजार पर 
लेकिन ये 
साँसे  उदास नहीं हैं 
क्योकि तुमने 
बांध लिया हैं मेरी साँसों को 
अपनी साँसों से ।।

नीतीश मिश्र 

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