हम लोगों से कहीं समझदार
कुत्तों का समूह होता हैं
जहाँ एक कुतिया
अपने जीवन को
ख़ुशी --ख़ुशी जी लेती हैं
और बिना किसी दंश के
लिखती हैं अपने जीवन के हर रंग को ।
और अपने बच्चों को सीखा देती हैं
नैतिकता का व्याकरण
और एक हम हैं
जहाँ एक औरत
अपनी आयु को कभी जी नहीं पाती
आज कुत्ते भी
सभ्यता के मामले में
हमसे ज्यादा कहीं आगे निकल गए हैं
अब हमें सीखना होगा कुत्तों से
कि कैसे लम्बे समय तक
सभ्यता के साथ रहा जा सके । ।
नीतीश मिश्र
कुत्तों का समूह होता हैं
जहाँ एक कुतिया
अपने जीवन को
ख़ुशी --ख़ुशी जी लेती हैं
और बिना किसी दंश के
लिखती हैं अपने जीवन के हर रंग को ।
और अपने बच्चों को सीखा देती हैं
नैतिकता का व्याकरण
और एक हम हैं
जहाँ एक औरत
अपनी आयु को कभी जी नहीं पाती
आज कुत्ते भी
सभ्यता के मामले में
हमसे ज्यादा कहीं आगे निकल गए हैं
अब हमें सीखना होगा कुत्तों से
कि कैसे लम्बे समय तक
सभ्यता के साथ रहा जा सके । ।
नीतीश मिश्र
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