शाम की रंग
आकर
बैठ जाती हैं
मेरी यादों के
संग
जहाँ मैं
आसमान के
कैनवास पर
कुछ देर के
लिए
रंगना चाहता हूँ
तुम्हारा एक क्षण का प्यार
जिससे मेरे हिस्से का
आसमान मुस्कुराता रहे ।।
नीतीश मिश्र
आकर
बैठ जाती हैं
मेरी यादों के
संग
जहाँ मैं
आसमान के
कैनवास पर
कुछ देर के
लिए
रंगना चाहता हूँ
तुम्हारा एक क्षण का प्यार
जिससे मेरे हिस्से का
आसमान मुस्कुराता रहे ।।
नीतीश मिश्र
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