Saturday 26 April 2014

कुत्ते भोंकते रहेगें

आँगन  में
एक आदमी
अपनी भूख से प्यार करना अभी सीख रहा था
और आसमान मे बैठा सूरज
जोर -जोर से हँस रहा था
दरवाजे पर बैठा हुआ
कुत्ता भोंक -भोंक कर
सूरज को तमीज सीखा रहा था
कुत्तों के भोंकने का मतलब
हर जगह एक सा नहीं होता !
कुत्तों के भोंकने के अर्थ मे
स्तुति कभी नहीं होती हैं ।
एक स्त्री जब -तक जी भरकर सपना नहीं देख लेती
और एक प्रेमिका जब -तक प्यार नहीं कर लेती
और आदमी जब -तक सोते हुये मुस्कुराना न सीख़ ले
तब -तक धरती पर कुत्तों का भोंकना ज़ारी रहेगा ॥

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