मैं जब कभी तुम्हारे बारे में सोचता हूँ
थोड़ी देर गुदगुदी होती हैं
और शर्म के साथ एक हंसी आती हैं
और मैं फूल की तरह एक रंग में ढलकर
अपने अंदर कुछ देर तक साँस भरता हूँ तुम्हारे नाम का
और कुछ देर के लिए सागर बन जाता हूँ ।
मैं अँधेरे में बैठकर
तुम्हारा एक चित्र बनाता हूँ
और तुम्हारे बारे में कुछ सोचता हूँ
एक दिन रिपोर्ट आएगी
मैं तुम्हारे बारे में सोचता हुआ
मर गया
किसी के बारे में सोचते हुए मरना
जीवन का एक अध्याय सरीखे होता हैं । ।
थोड़ी देर गुदगुदी होती हैं
और शर्म के साथ एक हंसी आती हैं
और मैं फूल की तरह एक रंग में ढलकर
अपने अंदर कुछ देर तक साँस भरता हूँ तुम्हारे नाम का
और कुछ देर के लिए सागर बन जाता हूँ ।
मैं अँधेरे में बैठकर
तुम्हारा एक चित्र बनाता हूँ
और तुम्हारे बारे में कुछ सोचता हूँ
एक दिन रिपोर्ट आएगी
मैं तुम्हारे बारे में सोचता हुआ
मर गया
किसी के बारे में सोचते हुए मरना
जीवन का एक अध्याय सरीखे होता हैं । ।
No comments:
Post a Comment