मेरे गाँव के बच्चे धीरे -धीरे असभ्य हो रहे हैं
बच्चे अब नहीं चुराते हैं तपसी के बगीचो का आम
बच्चो को अब नहीं मालूम रहता हैं
दूसरी गलियों में रहने वाले बच्चो का नाम
बच्चे अब नहीं भागते हैं
रात में घरो से...
बच्चे अब नहीं लूटते पतंग
बच्चे गालिया देना तक भूल चुके हैं
बच्चे अब नहीं दौड़ते बिल्लियों / चूहो के पीछे -पीछे
बच्चो को अब नहीं मालूम हैं की
सुग्गा का बच्चा भी राम का मतलब कभी समझता था
कोई कहता हैं
गाँव अब सभ्य होने की राह पर कदम रख दिया हैं
जबकि मैं दावे के साथ कहता हूँ
यह मेरे गाँव की हत्या करने की एक साजिश बुनी जा रही हैं
बच्चे गाँव के सबसे अनमोल जेवर होते हैं
ऐसे में उनकी ख़ामोशी किसी बड़े तबाही की सूचक हैं । ।
बच्चे अब नहीं चुराते हैं तपसी के बगीचो का आम
बच्चो को अब नहीं मालूम रहता हैं
दूसरी गलियों में रहने वाले बच्चो का नाम
बच्चे अब नहीं भागते हैं
रात में घरो से...
बच्चे अब नहीं लूटते पतंग
बच्चे गालिया देना तक भूल चुके हैं
बच्चे अब नहीं दौड़ते बिल्लियों / चूहो के पीछे -पीछे
बच्चो को अब नहीं मालूम हैं की
सुग्गा का बच्चा भी राम का मतलब कभी समझता था
कोई कहता हैं
गाँव अब सभ्य होने की राह पर कदम रख दिया हैं
जबकि मैं दावे के साथ कहता हूँ
यह मेरे गाँव की हत्या करने की एक साजिश बुनी जा रही हैं
बच्चे गाँव के सबसे अनमोल जेवर होते हैं
ऐसे में उनकी ख़ामोशी किसी बड़े तबाही की सूचक हैं । ।
No comments:
Post a Comment