Sunday 20 April 2014

तुम्हारा होना अनिवार्य हो जाता हैं

जब तुम साथ में होती हो
मैं भूल जाता हूँ
आसमान में एक पहरेदार ऐसा भी हैं
जिसका मुंह टेड़ा हैं………
जब तुम साथ में
या तुम्हारी यादे साथ में होती हैं
तब नहीं दिखाई देता हैं
मुझे बगल से कौन छूकर गुजर गया
हमें कुछ अगर दिखाई देता हैं
एक दूसरे का स्पर्श और एक दूसरे का एकांत ।
जब तुम साथ में होती हो
नहीं दिखाई देता हैं अंगुली का दर्द जो हथोड़े से लगी थी
जब तुम साथ में होती हो
नहीं दिखाई देता हैं मुझे वह चेहरा
जिनसे मैं कर्ज लेकर भागे फिर रहा हूँ
जब तुम साथ में हो जाती हो तो
नहीं आती हैं शर्म
मेरी कमीज़ गन्दी हैं या मेरा पेंट खराब हैं !
जब तुम साथ में होती हो तो याद आता हैं
मैं, तुम्हें पाने के लिए
खुदा  से कैसे - कैसे मिन्नते की थी । ।
तुम्हारा होना जरूरी हैं
जैसे फूलो में एक रंग का होना जरूरी होता है।

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