बनारस के लोगो से क्या गुनाह हो गया था ?
क्या यही की वो सुबह उठकर
सूर्य की रोशनी और गंगा की लहरो पर
अपनी दीवानगी भरा हस्तक्षेप करते थे
या सुबह उठकर पूरी दुनियां का कुशल क्षेम जानने के लिए
अपने घरो से उठकर मिलो तक का सफर कर लेते थे
या अपना गुरु वो किसी को नहीं मानते थे
आखिरकार ! बनारस वासियों ने ऐसा क्या कर दिया
पुरे बनारस को सजा देने के लिए एक आतताई को भेज दिया
जिसका नाम भर सुनकर बच्चा पेंट में मूत देता हैं
क्या बनारसी ज्यादा पान में जर्दा खाने लगे थे
या बिना भांग खाए वो अपनी प्रेमिकाओं से मिलने नहीं जाते थे
या दूध -दही खाकर सबसे अधिक देश में स्वस्थ होने का दावा करते थे
या देह पर कपड़ा न होने के गुमान में
कबीरा गाकर अपना पेट भर लेते थे
या अपने से मस्त वो किसी को नहीं समझते थे
बनारस में आतताई को क्यों भेजा गया ?
जारा के ऐसे हजारो सवाल हैं मुझसे जिसका जबाब मैं दे नहीं पाता हूँ
जारा अक्सर मुझसे कहती हैं
तुम आतताई को क्यों नहीं भगा देतो हो बनारस से
मैं उससे बस यही कहता हूँ की मैं क्या
अब देश का कोई भी माई का लाल उसे यहाँ से नहीं भगा सकता हैं
क्योकि देश का संविधान से लेकर और नागरिक सब कायर हो गए हैं
मैं अब रात भर जागता हूँ
बनारस को टूटते हुए देखकर
क्या यही की वो सुबह उठकर
सूर्य की रोशनी और गंगा की लहरो पर
अपनी दीवानगी भरा हस्तक्षेप करते थे
या सुबह उठकर पूरी दुनियां का कुशल क्षेम जानने के लिए
अपने घरो से उठकर मिलो तक का सफर कर लेते थे
या अपना गुरु वो किसी को नहीं मानते थे
आखिरकार ! बनारस वासियों ने ऐसा क्या कर दिया
पुरे बनारस को सजा देने के लिए एक आतताई को भेज दिया
जिसका नाम भर सुनकर बच्चा पेंट में मूत देता हैं
क्या बनारसी ज्यादा पान में जर्दा खाने लगे थे
या बिना भांग खाए वो अपनी प्रेमिकाओं से मिलने नहीं जाते थे
या दूध -दही खाकर सबसे अधिक देश में स्वस्थ होने का दावा करते थे
या देह पर कपड़ा न होने के गुमान में
कबीरा गाकर अपना पेट भर लेते थे
या अपने से मस्त वो किसी को नहीं समझते थे
बनारस में आतताई को क्यों भेजा गया ?
जारा के ऐसे हजारो सवाल हैं मुझसे जिसका जबाब मैं दे नहीं पाता हूँ
जारा अक्सर मुझसे कहती हैं
तुम आतताई को क्यों नहीं भगा देतो हो बनारस से
मैं उससे बस यही कहता हूँ की मैं क्या
अब देश का कोई भी माई का लाल उसे यहाँ से नहीं भगा सकता हैं
क्योकि देश का संविधान से लेकर और नागरिक सब कायर हो गए हैं
मैं अब रात भर जागता हूँ
बनारस को टूटते हुए देखकर
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