मैं अक्सर देखता हूँ
एक कुत्ते को
पूरब दिशा की और मुंह करके भोंकते हुए
मैं अक्सर देखता
पूरब से
एक बच्चे को उदास लौटते हुए
मैं देखता हूँ
जो औरत पूरब गई हैं
वह अभी तक लौटकर नहीं आई हैं।
मैं अक्सर देखता हूँ
पूरब गया आदमी
सभी दिशाओं को गाली देता हैं
पूरब में सूर्य नहीं
हथियारों का कारखाना खुल गया हैं।।
एक कुत्ते को
पूरब दिशा की और मुंह करके भोंकते हुए
मैं अक्सर देखता
पूरब से
एक बच्चे को उदास लौटते हुए
मैं देखता हूँ
जो औरत पूरब गई हैं
वह अभी तक लौटकर नहीं आई हैं।
मैं अक्सर देखता हूँ
पूरब गया आदमी
सभी दिशाओं को गाली देता हैं
पूरब में सूर्य नहीं
हथियारों का कारखाना खुल गया हैं।।
No comments:
Post a Comment