Sunday 20 September 2015

पूरा कब्रिस्तान घर हैं।

मुझे लिखना हैं
प्रेमपत्र !
कब्रिस्तान में सोई हुई आत्माओं के लिए
मुझे लिखनी हैं
एक कहानी
कब्रिस्तान में सोये हुए एक बच्चे के लिए
मुझे लिखनी हैं
एक आत्मकथा
उस पागल की
जिसकी आँखों में रोशनी नहीं हैं।।

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