Wednesday 22 April 2015

समय क्या तुम बता सकते हो

समय क्या तुम बता सकते हो
आज मेरे जूते पहले की तरह क्यो नहीं सुंदर हैं?
जबकि जूता लेते वक्त समय ही साक्षी था
समय क्या तुम बता सकते हो
आज नदियाँ क्यो नहीं सुंदर हैं
जबकि मैं नदी से जब पहली बार मिला था
तब नदी ने ही कहा था
मैं तुम्हारे अंत से के बाद ही मरूँगी
जबकि आज मैं जिंदा हूँ
और नदी बीमार ....
समय क्या तुम बता सकते हो
एक घर समय रहते ही खंडहर मे बदल जाता हैं जबकि एक मूर्ति समय के बाद भी जिंदा रहती हैं ||

समय अब तुम्हे बताना होगा
मेरे जूते आज क्यो नहीं सुंदर हैं ||
नीतीश मिश्र

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