Thursday 8 May 2014

मेरे बारे में दीवारे बताएंगी

दीवारे !
हर अच्छे - बुरे वक्त मे
मेरे साथ रही
दीवारे भूलने की बीमारी से
मुझे सदा दूर रखती थी
माँ ! के न होने की
एक सीमा तक भरने का प्रयास करतीं
माँ ! के हाथो की महक
आज भी बचा के रखी हैं
दीवारे अपने पास ।
बाबूजी की बहुत सारी यादें बची हुई हैं दीवारों पर
दीवारे ढो रही हैं सदियों से
मेरे पूर्वजो की यादो को
अपने बदन पर !
मैंने ! भी दीवारो पर
लिख रखा हैं कई सारे सूत्र
कई सारे चित्र …
दीवारे बताएगी तुम्हें
मैं कविता लिखने से पहले
कैसे रोता था ?
दीवारे बताएंगी
मैं तुम्हें कितना प्यार करता हूँ
दीवारे बताएंगी
मैं लोगो के लिये
क्या क्या सोचता हूँ ?
दीवारे बताएंगी
मैं कितनी रात सोया नहीं ?
मैं कितने दिन भूखा रहा
दीवारे बताएंगी मै
मैं काशी को बचाने के लिये
क्या क्या किया ? !!

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