Saturday 24 May 2014

बनारस से अब नहीं कोई लिखता बुरहानपुर के लिए प्रेम पत्र

बनारस से अब नहीं कोई लिखता
बुरहानपुर के लिए  प्रेम पत्र
न ही हैदराबाद के लिए / अलीगढ के लिए
और दौलताबाद के लिए/ न ही अजमेर के लिए
न ही लखनऊ के लिए ……
भोपाल / आजमगढ़ / कश्मीर से नहीं जाता हैं
कोई प्रेमपत्र बनारस के लिए
जबकि बनारस के लड़के / लड़कियां
हैदराबाद / दौलताबाद के लड़के / लड़कियां
आज भी करते हैं
एक दूसरे से प्रेम
पर हवाओं की दिशा बदल गई
बनारस का रंग ढल गया
सो प्रेमपत्र का आना - जाना बंद हो गया ।
अब बनारस में दिखाई देता हैं
पुराना प्रेमपत्र
जैसे वे गंगा को साफ करने का इरादा बना लिए
वैसे ही उनके खौफ से लोगों ने छोड़ दिया
प्रेमपत्र लिखना
क्योकि लोगों को मालूम हैं
यदि प्रेमपत्र लिखना नहीं छोड़ेगें
तो उनके सैनिक अंगुलियां काट कर अपने साथ लेकर चले जायेंगे ।
बनारस से जाने वाली और बनारस आने वाली ट्रेनें बहुत उदास दिखाई देती हैं
बनारस के डाकिये के चेहरे पर नहीं दिखाई देती अब  कोई हंसी । ।

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