Wednesday 7 May 2014

माँ के लिए दूरियों का कोई मायने नहीं होता हैं

माँ के लिए
कभी दूरियों का कोई  मायने नहीं
होता हैं …
माँ के लिए
देश / भाषा
समंदर / पहाड़
जंगल का कोई मायने नहीं होता हैं …
माँ जब चाहती हैं
जहाँ चाहती हैं
हवा की तरह आ जाती हैं
और पकड़ लेती हैं
मेरी सारी कमजोरियां
माँ ! के लिए जरूरी नहीं रहता हैं
मेरे बारे में किसी से कुछ जानने का ।
माँ ! ने
पंडित / औघड़ से पहले  ही बता दिया था
यह मुझसे दूर रहेगा …
मुझे जीवन भर रुलाता रहेगा
मेरे सपनो की हत्या करके
दार्शनिक बनेगा …
और एक औरत के प्यार मे पागलों की तरह
अपने को सबसे समझदार घोषित करेगा!
और देश के राजाओं का विरोध करता रहेगा
माँ ! के लिए मैं कभी कोई मायने नहीं रखता हूँ
आज भी
जब
मैं सही को सही और गलत को गलत कहता हूँ
इसके बाद भी वह कहती हैं
बंद करो अपना बरगलाना । ।

No comments:

Post a Comment