Wednesday 7 May 2014

खुदा पूछता हैं प्रेम पत्र कैसे लिखा जाता हैं

आधी रात मे ……
देवता सो रहे थे ……
सारे भूत जाग रहे थे
और आसमान मे सारे तारे मजदूरी कर रहे थे
जानवर अपनी स्मृतियाँ गा रहे थे
और पेड़ अपने आस- पास के इतिहास को समेट रहे थे ……
और मैं लिख रहा था कविता ……
ऐसे में दरवाजे पर कोई  दस्तक देता हैँ
अरे ! ये तो वही हैं
जिसके बारे में मैं कुरानों मे सुनता आया हूँ
अरे ! ये तो वही हैं जिसके बारे मे मुल्ला कहां करता था
अरे ! ये तो खुदा हैं
मुझे समझते देर नहीं लगी कि
मेरा जीवन लेने आये होंगे खुदा
लेकिन ! अभी मैं यही सब सोच रहा था
तभी खुदा ने कहा
तुम कौन हो ……
मैंने जबाब दिया
मैं एक कवि हूँ ……
मैं एक प्रेमी हूँ ……
खुदा ने कहा ठीक हैं
मेरे चेहरे पर कुछ तसल्ली का भाव आया
इतने में खुदा ने कहा
मैं भी तुम्हारी प्रेमिका से प्यार करता हूँ ……
मैं भी उसे प्रेम पत्र लिखना चाहता हूँ
मैं भी उसकी याद में कविता लिखना चाहता हूँ
इतने ! में सपना टूट जााता है
और सारे देवता जाग जाते हैं
और सारे भूत सो जाते हैं
सुबह मैं क्या देखता हूँ
वह जा रही थी मस्जिद मे
मेरे कमरे कि दीवारे दरकने लगीं
और मेरे पाँव की रोशनी चली गईं थी !!
खुदा पूछता हैं प्रेम पत्र कैसे लिखा जाता हैं

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