Monday 30 May 2016

एक औरत बीज बो रही है

आज फिर एक औरत 
आँखों में उदासी लिए जा रही थी 
आज फिर एक बच्चा 
उम्मीद के गर्त में गिर गया 
और तुम चाँद को देखकर हँस रही थी 
मैं आसमान में टूटे हुए ख्वाबों को दफना रहा था।

एक औरत अपनी मरी हुई आत्मा के साथ 
नदी में बीज बो रही है 
एक बच्चा पतंग की तरह अपनी आत्मा को उड़ा रहा हैं 
एक भिखारी बिना आत्मा के हवा में हस्ताक्षर कर रहा है 
एक वैश्या लोगों की आत्मा को अनवरत पढ़ रही है 
एक मैं हूँ जो तुम्हारी आत्मा को लेकर
अपनी आत्मा की हत्या कर रहा हूँ।

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