मैं आऊंगा धरती पर
रेत की दूब बनकर
और इंतजार करता रहूँगा
तुम्हारें पवित्र स्पर्श का।
मैं आऊंगा
तुम्हारें पास
आईना बनकर
और तुम मुझे
स्थिर होने की अनिवार्य सजा सुना देना।।
रेत की दूब बनकर
और इंतजार करता रहूँगा
तुम्हारें पवित्र स्पर्श का।
मैं आऊंगा
तुम्हारें पास
आईना बनकर
और तुम मुझे
स्थिर होने की अनिवार्य सजा सुना देना।।
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