Monday 30 May 2016

मेरी खबर में


आज एक बच्चे की गेंद गायब हो गई
एक क्षण के लिए मुझे लगा की धरती गायब हो गई 
आज उसी बच्चे के पांव से जूता गायब हो गया 
मुझे लगा की मेरे दोनों पांव गायब हो गए
आज एक बच्चे का चेहरा गायब हो गया
मुझे लगा की अब शहर की नैतिकता मर चुकी है
आज एक बच्चे का बस्ता गायब हो गया
मुझे लगा की आज किसी ने मेरा दिल चुरा लिया
आज एक बच्चे का खिलौना गायब हो गया
मुझे लगा की मेरा विस्थापन हो गया।
आज मैं खबर लिख रहा था बचपन की
शहर में इसी बीच कोई मेरा प्रेमपत्र चुरा रहा था।।

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