Wednesday 21 October 2015

शहर की एक रात

हां! एक रात शहर में सभी लोग पागल हो जाते है
और चले जाते है चंद्रमा पर
हां एक रात शहर के सभी लोग योद्धा बन जाते है
और चले जाते है कुरूक्षेत्र की ओर
हां एक रात शहर के सभी लोग लेखक बन जाते है
और लिख मारते है धरती का इतिहास
हां एक रात शहर के सभी लोग भक्त हो जाते है
और मुक्त हो जाते है
एक रात शहर के सभी लोग सफाई में जुट जाते है
और शहर का कचरा साफ हो जाता है
हां एक रात शहर के सभी लोग ज्ञानी बन जाते है
और शहर की सदियों की समस्याएं मुक्त हो जाती है
हां शहर में यह कारोबार चलता रहता है
रोज लोग चांद पर जाते है
रोज लोग पागल बनते है
और अगली सुबह शहर में सभी अपनी - अपनी कब्र खोतदे है
ऐसे ही चलता है शहर का कारोबार
एक दिन आता है शेर
और सभी लोग निकल जाते है अपनी- अपनी जिंदगी को सुधारनें में
और शेर को बता देते है मुझे तम मारना
क्योंकि मुझे मालूम है किस आदमी का गोश्त बढ़िया है
शेर को यह बात सभी लोग धीरे- धीरे बता चुके है
शेर चला जाता है अपनी दुनियां में
और देखता है सभी लोग पहले की तरह चांद पर जा रहे है
कोई कविता लिख रहा है
कोई प्रेम कर रहा है
कोई राजनीति कर रहा है
कोई दंगा कर रहा है
कोई समाज सुधार रहा है
कोई मंदिर बना रहा है
शेर को लग गया कि अब यहां से कोई आवाज नहीं आएगी
क्योंकि सबकों अपना- अपना मांस प्यारा है
अब कहो साथियों शहर का शहर का हत्यारा कौन है?
नीतीश मिश्र

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