एक रात ऐसी भी थी
जब हम सपने पहनकर सोते थे
और आज एक ऐसी रात भी हैं
जब हम अपने सपनो को बचाने के
लिए करवट भी नहीं बदल पाते
यह सोचकर
कि कहीं हमारे करवट बदलने से सपने घायल न हो जाएँ
सपने सच नहीं हुए वह् दूसरी बात हैं
पर सबसे जरूरी हैं
अपने सपनो को बचाकर रखना |
अब हम जागते हुए सपनों को देखना शुरू कर दिए
अब शायद आपको खबर होगी
मैं जागते हुए एक दिन
मर गया
पर सपनों को नहीं मार पाया । ।
नीतीश मिश्र
जब हम सपने पहनकर सोते थे
और आज एक ऐसी रात भी हैं
जब हम अपने सपनो को बचाने के
लिए करवट भी नहीं बदल पाते
यह सोचकर
कि कहीं हमारे करवट बदलने से सपने घायल न हो जाएँ
सपने सच नहीं हुए वह् दूसरी बात हैं
पर सबसे जरूरी हैं
अपने सपनो को बचाकर रखना |
अब हम जागते हुए सपनों को देखना शुरू कर दिए
अब शायद आपको खबर होगी
मैं जागते हुए एक दिन
मर गया
पर सपनों को नहीं मार पाया । ।
नीतीश मिश्र
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