Monday 10 February 2014

एक लड़की की चिट्ठी-1

एक लड़की की चिट्ठी-1
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कामरेड जब तुम रोटी को रोटी कहते हो तो
तुमसे बहुत प्यार करने को मन करता हैं
कामरेड: जब तुम टूटे हुए अपने सपनो को जोड़ते हो मुझे यही लगता हैं की तुम मेरा साथ कभी नहीं छोडोगे
कामरेड मैं जबसे तुमसे जुड़ी हूँ
मैने सही से अपनी दुनिया को पहचानने का एक नज़रिया पाया हैं
और मैं दावे के साथ कह सकती हूँ
की एक कामरेड से प्यार करके मैने कोई ग़लती नहीं की हैं
लेकिन कामरेड जब मैं तुमसे पूछती हूँ की प्यार क्या होता हैं
मेरे इस प्रश्न को सुनकर तुम वर्षो तक खामोश हो जाते हो
अगर तुम मेरे प्रश्न का उत्तर नही दे पा रहे हो तो तुमसे प्यार करने के नाते मुझे ही इस प्रश्न का उत्तर देना होगा
एक कामरेड के लिए प्यार रिक्त स्थानो की पूर्ति के सिवाय और कुछ नहीं हैं
मुझे माफ़ करना कामरेड
लेकिन मैं अभी भी इंतजार कर रही हूँ
जब क्रांति शायद ख़त्म हो जाए
तब तुम्हें प्यार का माने अगर समझ मे आ जाए तो मेरे शहर मे आ जाना
प्यार का अर्थ जमाने को समझाने के लिए ||

नीतीश मिश्र

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