Saturday, 15 February 2014

एक लड़की कि चिट्ठी -6

कामरेड मैंने तुम्हारे साथ
रहते हुए सीखी थी
सपनो को सच करने के लिए जरूरी हो तो
तो हमें प्रतीकों से भी और परंपराओं से भी लड़ना होगा
कामरेड मैंने
तुम्हारे साथ रहते हुए सीखी थी
तोते का जूठे हुए फल को भी खाना
मैं सीखी थी
देवताओं से बेहतर उस इंसान की इबादत करो
जो तुम्हें सपना देखना सीखा सके
मै सीखी थी तुम्हारे साथ
जिंदगी को बचाने का नुस्खा सबसे बेहतर किताबों में होती हैं
मैं सीखी थी
जिंदगी सबसे ताकतवर भाषा उस समय गढ़ती हैं
जब अपनी जिंदगी अभावों के दरख्तो से गुजरती हैं ।

नीतीश मिश्र

No comments:

Post a Comment