अगर कहीं सिद्धांत बचा हैं
अगर कहीं मूल्य फूल की तरह महक रहा हैं
अगर कहीं आत्मा में रोशनी बची हैं
तो वह कोई धर्म की किताब नहीं हैं
वह कोई देवता भी नहीं हैं
वह कोई स्कूल भी नहीं हैं
वह कोई मंदिर भी नहीं हैं
बल्कि वह चोर की आत्मा हैं !
जहाँ बची हुई हैं खिड़की
जहाँ बची हुई हैं समय की सभ्यता हैं
चोर कभी हिन्दू नहीं होते
चोर कभी मुसलमान भी नहीं होते
चोर कभी राजनीतिज्ञ भी नहीं होते
चोर केवल भूख से उबरने के लिए रास्ता बनाते हैं
चोर घर में रखा हुआ सारा सामान चुरा लेता हैं
लेकिन नहीं चुराता हैं आपकी कायरता
चुराता हैं आपकी क्षमता
नहीं चुराता हैं आपकी ईमानदारी
नहीं चुराता हैं घर में पसरा हुआ अँधेरा
नहीं चुराता हैं आपका धर्म
चोर केवल भूख के बचत खाते पर डालता हैं हाथ
सबसे प्यारी आत्मा के साथ चोर चोरी करता हैं
और अपने अँधेरे से रास्ता बनाता हुआ पार निकल जाता हैं
अगर चोर घरो का अँधेरा भी चुराने लगते तो
ख़त्म जाती दुनियां ॥
अगर कहीं मूल्य फूल की तरह महक रहा हैं
अगर कहीं आत्मा में रोशनी बची हैं
तो वह कोई धर्म की किताब नहीं हैं
वह कोई देवता भी नहीं हैं
वह कोई स्कूल भी नहीं हैं
वह कोई मंदिर भी नहीं हैं
बल्कि वह चोर की आत्मा हैं !
जहाँ बची हुई हैं खिड़की
जहाँ बची हुई हैं समय की सभ्यता हैं
चोर कभी हिन्दू नहीं होते
चोर कभी मुसलमान भी नहीं होते
चोर कभी राजनीतिज्ञ भी नहीं होते
चोर केवल भूख से उबरने के लिए रास्ता बनाते हैं
चोर घर में रखा हुआ सारा सामान चुरा लेता हैं
लेकिन नहीं चुराता हैं आपकी कायरता
चुराता हैं आपकी क्षमता
नहीं चुराता हैं आपकी ईमानदारी
नहीं चुराता हैं घर में पसरा हुआ अँधेरा
नहीं चुराता हैं आपका धर्म
चोर केवल भूख के बचत खाते पर डालता हैं हाथ
सबसे प्यारी आत्मा के साथ चोर चोरी करता हैं
और अपने अँधेरे से रास्ता बनाता हुआ पार निकल जाता हैं
अगर चोर घरो का अँधेरा भी चुराने लगते तो
ख़त्म जाती दुनियां ॥
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