Friday 5 February 2016

एकांत के रंग से
अपने वृत्त का
एकांतर आकाश रंगता हूँ
और खोजता हूँ
धरती पर सोये हुए रंगो को
क्योंकि मैं रंगो का सेतु बनाना चाहता हूँ।।
नीतीश मिश्र

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