Sunday 7 February 2016

तुम बोलती हो
तब मेरा अँधेरा भी बोलता है
और मेरे देह का आयतन भी बढ़ जाता
तुम बोलती हो
तब मेरी दीवार भी बोलती
और मेरे दिमाग का क्षेत्रफल भी बढ़ जाता
जब तुम खामोश होती हो
तब मेरा रंग धूसर हो जाता है
तुम्हारी आवाज मेडिकल स्टोर के मानिंद है
जहाँ मेरी जरूरतमन्द सभी दवाइयाँ मौजूद रहती है।।

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