Sunday 6 December 2015

सड़के शहर के नदियां होती हैं

सड़के शहर के नदियां होती हैं
और आदमी का पांव शहर के लिए नांव ..... 
आदमी की आँखे मछुआरे की तरह
दिन भर सड़को पर भटकती रहती हैं
शहर में जो तालाब हैं
वह एक औरत की डबडबाई हुई आँख हैं
और शहर का जो सबसे पुराना मुहल्ला हैं
वह एक बंदरगाह हैं.....
शहर में जो चौराहा  हैं वह अपने समय का ताजमहल हैं
शहर इतने सारे किस्सों को लेकर खड़ा हैं हमारे बीच
एक शहर के पास वह सब कुछ हैं
जो एक पूरी दुनिया के पास हैं
शायद एक शहर इसीलिए नहीं जाता हैं कभी दूसरे शहर में
हम रहे या न रहे यह शहर जरूर रहेगा अपनी जगह
पहाड़ से निकलने वाली नदी मुक्ति की चाह में बहती हैं
पर शहर के नदी शहर को बनाती हैं कभी बिगाड़ती भी हैं
लेकिन कभी मुक्त नहीं होना चाहती
एक शहर में जब तक तक एक सड़क रहेगी
शहर भी दुनिया के नक्शे में चमकता रहेगा ॥

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