Saturday 15 August 2015

आईना ही बताएगा आगे का रास्ता

 जब हम नहीं होंगे
कहीं नहीं होंगे …
न तो कविताओं में और न ही कहानियों में
जब कहीं कुछ नहीं बचा होगा
तब धरती पर जीवाश्म की तरह
आईने बचे होंगे
तब हमारे समय का सबसे बड़ा ग्रन्थ
आईना  होगा
और लोग आईनों से पूछ कर
हरेक जख्मों का इतिहास लिखेंगें
उस समय का सबसे बड़ा धर्म आईना होगा
आईना जो बोलेगा
लोग वही लिखेंगे
आईना: बोलेगा इंसान और देवता में कोई फासला नहीं होता
आईना बताएगा उजाले और अँधेरे में कोई अंतर नहीं होता
आईना बताएगा गरीब के पेट की सुंदरता कैसी होती हैं
आईना बताएगा एक औरत की आँख में कितना आंसू हैं
आईना बताएगा दिल्ली में यमराज रहता हैं
आईना  ही तय करेगा की
इस सदी में कौन ताजमहल बनवायेगा
आईना  ही बताएगा की किन लोगों ने भ्रूणों की हत्या की हैं
आईना यह भी बताएगा की रात में चीटियाँ कैसे गाती हैं
आईना  ही बताएगा
नदी कितनी भूखी  कर्जदार हैं
तुम क्या सोचते हो
हमेशा तुम ही रहोगे
नहीं धरती पर दो ही लोग जीवित रहेंगे
एक आईना
दूसरा पेड़
दोनों तुम्हारे साथ चलते नहीं हैं
इसलिए हम उन्हें कमजोर मानकर दरकिनार कर देते हैं
लेकिन यह चलते तो नहीं हैं पर इनकी नजर बहुत दूर तक रहती हैं
यह बैठे -बैठे ही देख लेते हैं
कब किसकी हत्या होने वाली हैं
कब किसका रंग बदलने वाला हैं
आईनो को यह भी मालूम रहता हैं
चन्द्रमा आज कितना उदास हैं
आईना ही इस सदी का संत हैं
जो सब जानता हैं मगर चुप रहता हैं ॥
अब आईना ही बताएगा आगे का क्या रास्ता हैं

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