कल जब अँधेरा इतना घना हो जायेगा
और तुम्हें नहीं दिखाई देगी अपनी स्मृतियाँ
तुम्हें नजर नहीं आएगा कोई ऐसा अभिलेख
जहाँ से तुम देख सको अपने गौरव का स्रोत
तो समझ लेना
आने वाली सदी में
इतिहास यदि किसी का लिखा जायेगा तो
वह मात्र पेड़ होगा !
क्योकि धरती पर यदि किसी ने अपनी ईमानदारी बचा कर रखा हैं तो
वह हैं केवल पेड़ !!
ऐसे में अब तुम्हे स्वीकारना होगा
की तुम्हारे समय का सबसे न्यायप्रिय शासक कोई और नहीं बल्कि वह पेड़ हैं
जिसकी जड़े आज भी माँ के गर्भ में ही जीवित हैं
पेड़ सिर्फ पेड़ नहीं हैं
वह तुम्हारे समय का सबसे बुढ्ढा देवता हैं
देवता तो तुम्हारी प्रार्थना सुनकर कभी कभी हँसता भी हैं
लेकिन पेड़ो ने कभी भी नहीं हंसा
बल्कि तुम्हारे दुःख में वे सदियों से रोते आये हैं
पेड़ो ने तुम्हें उस वक्त भी समझाया जब तुम उनकी बाँहो में झूलकर मरते थे
तुम तो मर गए लेकिन पेड़ पर एक दाग लग गया
जिसे वह आज भी धो रहा हैं
पेड़ अपने समय का सबसे खूबसूरत देवता हैं
अँधेरे से अंतिम समय तक वही लड़ता हैं ॥
जब तुम नहीं रहते हो अपनी किला में
उसके बाद भी वह तुम्हारे किला को संभालकर आज तक रखा हुआ हैं
आने वाली सदी में जब धर्म की किताबे लिखी जाएगी तो
उसमे मनुष्य का कहीं नाम नहीं होगा
आने वाली सदी को पेड़ ही रास्ते बताएँगे ॥
नीतीश मिश्र
और तुम्हें नहीं दिखाई देगी अपनी स्मृतियाँ
तुम्हें नजर नहीं आएगा कोई ऐसा अभिलेख
जहाँ से तुम देख सको अपने गौरव का स्रोत
तो समझ लेना
आने वाली सदी में
इतिहास यदि किसी का लिखा जायेगा तो
वह मात्र पेड़ होगा !
क्योकि धरती पर यदि किसी ने अपनी ईमानदारी बचा कर रखा हैं तो
वह हैं केवल पेड़ !!
ऐसे में अब तुम्हे स्वीकारना होगा
की तुम्हारे समय का सबसे न्यायप्रिय शासक कोई और नहीं बल्कि वह पेड़ हैं
जिसकी जड़े आज भी माँ के गर्भ में ही जीवित हैं
पेड़ सिर्फ पेड़ नहीं हैं
वह तुम्हारे समय का सबसे बुढ्ढा देवता हैं
देवता तो तुम्हारी प्रार्थना सुनकर कभी कभी हँसता भी हैं
लेकिन पेड़ो ने कभी भी नहीं हंसा
बल्कि तुम्हारे दुःख में वे सदियों से रोते आये हैं
पेड़ो ने तुम्हें उस वक्त भी समझाया जब तुम उनकी बाँहो में झूलकर मरते थे
तुम तो मर गए लेकिन पेड़ पर एक दाग लग गया
जिसे वह आज भी धो रहा हैं
पेड़ अपने समय का सबसे खूबसूरत देवता हैं
अँधेरे से अंतिम समय तक वही लड़ता हैं ॥
जब तुम नहीं रहते हो अपनी किला में
उसके बाद भी वह तुम्हारे किला को संभालकर आज तक रखा हुआ हैं
आने वाली सदी में जब धर्म की किताबे लिखी जाएगी तो
उसमे मनुष्य का कहीं नाम नहीं होगा
आने वाली सदी को पेड़ ही रास्ते बताएँगे ॥
नीतीश मिश्र
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