सारे प्रश्न
अभी भी दीवारों में
जीवित हैं ......
रात भर मैं
अपनी आत्मा से प्रश्नो की केंचुल उतारकर
दीवारों पर सजाता रहता हूँ
मेरी दीवारें
मेरी आत्मकथा हैं
मैं दिन भर धरती पर
उत्तर की खोज में साईकिल से भटकता रहता हूँ ......
इस क्रम में आँखों में कई बार इतिहास चुभता हैं
तो कई बार जख़्म आईने में दिखाई देने लगते हैं ...
सारी रात
मैं अपने आत्मा के खाते में
भागी हुई लड़कियों का रिपोर्ट दर्ज करता हूँ
सारी रात टूटे हुए खिलौनों में एक रंग भरता रहता हूँ
इसी बीच पता चलता हैं
एक सांप मर गया
जिसने पिछले साल रामअवतार को मुक्ति का मार्ग दिखाया
मैं सांप की मरी हुई आँखों में अपनी तस्वीर देखता हूँ
और सोचता मैं इसकी आँखों से कैसे बच जाता था
गेहुंअन सांप असंख्य बार मेरे कमरे में आता था
और घंटो मेरी तरह गंभीर होकर
मेरे प्रश्नों को पढता था
फिर कुछ देर तक हँसता था
मैं रात भर सांप के देह को देखता रहा
और वह रात भर मुझे देखता रहा
अभी भी दीवारों में
जीवित हैं ......
रात भर मैं
अपनी आत्मा से प्रश्नो की केंचुल उतारकर
दीवारों पर सजाता रहता हूँ
मेरी दीवारें
मेरी आत्मकथा हैं
मैं दिन भर धरती पर
उत्तर की खोज में साईकिल से भटकता रहता हूँ ......
इस क्रम में आँखों में कई बार इतिहास चुभता हैं
तो कई बार जख़्म आईने में दिखाई देने लगते हैं ...
सारी रात
मैं अपने आत्मा के खाते में
भागी हुई लड़कियों का रिपोर्ट दर्ज करता हूँ
सारी रात टूटे हुए खिलौनों में एक रंग भरता रहता हूँ
इसी बीच पता चलता हैं
एक सांप मर गया
जिसने पिछले साल रामअवतार को मुक्ति का मार्ग दिखाया
मैं सांप की मरी हुई आँखों में अपनी तस्वीर देखता हूँ
और सोचता मैं इसकी आँखों से कैसे बच जाता था
गेहुंअन सांप असंख्य बार मेरे कमरे में आता था
और घंटो मेरी तरह गंभीर होकर
मेरे प्रश्नों को पढता था
फिर कुछ देर तक हँसता था
मैं रात भर सांप के देह को देखता रहा
और वह रात भर मुझे देखता रहा
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