मैं युद्ध पर जाने से पहले
एक बार गहरी नींद सोना चाहता हूँ
और नांव के एकांत को
अपने भीतर भरना चाहता हूँ
मैं युद्ध पर जाने से पहले एक बार
अपने घर की नीव में उतरना चाहता हूँ
और वहां माँ की रखी हुई आस्था को
एक नया अर्थ देना चाहता हूँ
मैं युद्ध पर जाने से पहले
नींद में एक प्रेमपत्र लिखना चाहता हूँ
मैं एक बार गंगा की रेत से मिलना चाहता हूँ ....
मैं युद्ध पर जाने से पहले एक बार
पीपल की पत्तियो पर जमी स्मृतियों को
अपने भीतर भरना चाहता हूँ
दीवारों पर निर्मित इतिहास को भाषा से रंगना चाहता हूँ
मुझे मालूम हैं अगर
मैं युद्ध से वापस नहीं लौटा
तो कोई नहीं पूछेगा
मेरे टूटे हुए खिलौनों का क्या अर्थ हैं
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