Friday 7 October 2016

एक बार गहरी नींद सोना चाहता हूँ

मैं युद्ध पर जाने से पहले 
एक बार गहरी नींद सोना चाहता हूँ 
और नांव के एकांत को 
अपने भीतर भरना चाहता हूँ 
मैं युद्ध पर जाने से पहले एक बार 
अपने घर की नीव में उतरना चाहता हूँ 
और वहां माँ की रखी हुई आस्था को 
एक नया अर्थ देना चाहता हूँ
मैं युद्ध पर जाने से पहले 
नींद में एक प्रेमपत्र लिखना चाहता हूँ 
मैं एक बार गंगा की रेत से मिलना चाहता हूँ .... 
मैं युद्ध पर जाने से पहले एक बार 
पीपल की पत्तियो पर जमी स्मृतियों को 
अपने भीतर भरना चाहता हूँ 
दीवारों पर निर्मित इतिहास को भाषा से रंगना चाहता हूँ 
मुझे मालूम हैं अगर 
मैं युद्ध से वापस नहीं लौटा 
तो कोई नहीं पूछेगा 
मेरे टूटे हुए खिलौनों का क्या अर्थ हैं 

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