Wednesday 8 March 2017

नमक पर प्रेमपत्र लिखता हूँ

मैं कागजों पर नहीं 
नमक पर प्रेमपत्र लिखता हूँ 
जिससे प्रेमपत्र का स्वाद 
सदियों तक सुरक्षित रहे 
हाँ 
मैं अब तुम्हे नमक के टुकड़ों पर प्रेमपत्र लिखता हूँ
ताकि मेरा प्रेमपत्र
समुद्र भी पढ़ सके
अनाज भी
इंसान भी
और बर्तन भी आग भी।।

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