मैं कागजों पर नहीं
नमक पर प्रेमपत्र लिखता हूँ
जिससे प्रेमपत्र का स्वाद
सदियों तक सुरक्षित रहे
हाँ
मैं अब तुम्हे नमक के टुकड़ों पर प्रेमपत्र लिखता हूँ
ताकि मेरा प्रेमपत्र
समुद्र भी पढ़ सके
अनाज भी
इंसान भी
और बर्तन भी आग भी।।
नमक पर प्रेमपत्र लिखता हूँ
जिससे प्रेमपत्र का स्वाद
सदियों तक सुरक्षित रहे
हाँ
मैं अब तुम्हे नमक के टुकड़ों पर प्रेमपत्र लिखता हूँ
ताकि मेरा प्रेमपत्र
समुद्र भी पढ़ सके
अनाज भी
इंसान भी
और बर्तन भी आग भी।।
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