दिल्ली एक आईना है
जहाँ हर कोई अपना चेहरा देखना चाहता है
दिल्ली एक किताब है
जहाँ पूरा हिंदुस्तान अपना अध्याय खोज रहा है
दिल्ली एक जूते के समान है
जिसे हर पाँव पहनना चाहता है
दिल्ली एक बेल्ट है
जिसे सभी लोग कमर में कसना चाहते है
दिल्ली एक पर्स है
जो किस्मत बदलने का हूनर सिखाती है
लेकिन मेरे लिए दिल्ली केवल भाषा है
जहाँ हर कोई अपना चेहरा देखना चाहता है
दिल्ली एक किताब है
जहाँ पूरा हिंदुस्तान अपना अध्याय खोज रहा है
दिल्ली एक जूते के समान है
जिसे हर पाँव पहनना चाहता है
दिल्ली एक बेल्ट है
जिसे सभी लोग कमर में कसना चाहते है
दिल्ली एक पर्स है
जो किस्मत बदलने का हूनर सिखाती है
लेकिन मेरे लिए दिल्ली केवल भाषा है
बहुआयामी अर्थव्यापार का बोध कराने वाली बेहतरीन कविता
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