Tuesday 2 April 2013

एक किसान मरता नहीं हैं

   जो अपनी मौत नहीं मरते
वो भूत बनते हैं या बैताल
तब क्या मान लिया जाये ?
हमारे सारे किसान आत्महत्या के बाद
भूत बन गए होंगें

और एक ऐसा भूत जो
धरती के बाहर भी चैन से
जी नहीं पाता हैं
और धरती के सबसे बेकार जगह ही
अपने अस्तित्व के साथ रहता हैं

धरती पर जब भी जनगणना होती हैं
किसानों की संख्या ही अधिक होती हैं

और धरती के बाहर जब जनगणना होती हैं
तब मरने वाले की संख्या भी किसानों की ही
ज्यादा होती हैं ...........

एक किसान मरता नहीं हैं
बल्कि मार दिया जाता हैं
और वह कभी अकेला नहीं मरता
बल्कि उसके साथ मर जाती हैं हमारी सभ्यता भी .........


नीतीश मिश्र

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