Wednesday 3 April 2013

लड़कियां लिख रही हैं प्रेमपत्र।

अब कल से गुलर में भी
फूल दिखाई देगा
आकाश का रंग और
नीला हो जायेगा,
और नदियाँ फिरसे
लिखेंगी सभ्यता की कहानी
क्योकि धरती की सारी
लड़कियां लिख रही हैं प्रेमपत्र।

पहली बार अपनी मुक्ति का सफ़र
अपने प्यार के साथ ही शुरू होता हैं
जबसे लड़कियों को पता चला हैं कि
चाँद का मुंह टेढ़ा होता हैं
तबसे वे शर्माना छोड़ चुकी हैं

लड़कियां अब धूप की तरह आजाद होकर
लिख रही हैं धरती पर प्रेमपत्र
एक लड़की मेरे लिए
गंगा के किनारे पर खड़ी होकर
अपने प्रेमपत्र में लिख रही हैं
अपनी हंसी ..............


नीतीश मिश्र 

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