मेरे प्यार में
लोकतंत्र के समावेश होने से
मेरा प्यार पत्थर की तरह मजबूत होता जा रहा हैं
मेरे प्यार की थाली में
नहीं हैं कोई जाति कि घिनौनी दीवार
और मेरे प्यार के आकाश में नहीं दिखाई देता हैं
कोई उम्र की दुर्ग्रंध की सीमा। ।
मुझे अपने प्यार तक पहुँचने के लिये नहीं करना पड़ा कोई सत्याग्रह
अपने प्यार का वजूद पाने के लिए
मुझे बनना पड़ा दिया
प्यार में लोकतंत्र के आने से
मेरा प्यार शर्माते हुए अब नहीं जीता हैं
बल्कि शेर की तरह गरजता हैं।
लोकतंत्र के समावेश होने से
मेरा प्यार पत्थर की तरह मजबूत होता जा रहा हैं
मेरे प्यार की थाली में
नहीं हैं कोई जाति कि घिनौनी दीवार
और मेरे प्यार के आकाश में नहीं दिखाई देता हैं
कोई उम्र की दुर्ग्रंध की सीमा। ।
मुझे अपने प्यार तक पहुँचने के लिये नहीं करना पड़ा कोई सत्याग्रह
अपने प्यार का वजूद पाने के लिए
मुझे बनना पड़ा दिया
प्यार में लोकतंत्र के आने से
मेरा प्यार शर्माते हुए अब नहीं जीता हैं
बल्कि शेर की तरह गरजता हैं।
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